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शोध संस्थान व नवरस सभागार का उद्घाटन
08.09.24
व्यंजना आर्ट एण्ड कल्चर सोसाइटी की ओर से रविवार को नवनिर्मित नवरस सभागार एवं शोध संस्थान का उद्घाटन महापौर गणेश केसरवानी, पूर्व कुलपति प्रो स्वतंत्र शर्मा एवं बायोवेद रिसर्च इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ. बी के द्विवेदी ने किया । उक्त अवसर पर महापौर ने कहा महानगर में ऐसे शोध संस्थान का निर्माण अत्यंत आवश्यक है क्यूंकि विद्यार्थियों को पढ़ने एवं शोध कैसे किया जाये इसमें मार्गदर्शन की बहुत जरूरत है। इससे विद्यार्थियों को अवसर मिलेगा साथ ही यह सभागार प्रयाग की सांस्कृतिक गतिविधियों को बाल प्रदान करेगा, मैं मानता हूँ की ऐसा कार्य करने के लिए बहुत ही साहस की जरूरत होती हैं और डॉ. मधु रानी शुक्ला जैसे तपस्वी ही ऐसे कार्य को साकार कर पाते हैं। उन्होंने कहा की हम प्रयाग के घाटों को भी जागृत करने का कार्य जल्द ही करेंगे साथ में प्रत्येक दिन वहाँ सांस्कृतिक कार्यक्रम कराया जाएगा जिससे प्रयाग के युवा कलाकारों को मंच एवं स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रो स्वतंत्र ने कहा की शोधार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए यह नवनिर्मित शोध संस्थान निश्चित रूप से विद्यार्थियों को मौलिक शोध करने की ओर अग्रसारित करेगा। संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा पद्माकर रचित “गंगा गीत” प्रस्तुत किया गया तत्पश्चात निर्देशिका सुषमा शर्मा ने आंतोन चेखव की कहानी की प्रस्तुत की। संस्था की सचिव डॉ। मधु रानी शुक्ला, अनिल शुक्ला, प्रवीण शेखर, डॉ. धनंजय चोपड़ा, राजेश तिवारी, संतोष मिश्र, श्रेयश शुक्ला आदि लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन शांभवी शुक्ला ने किया।
'रसराज' सावन में कजरी एवं उसकी विशिष्ट धुनें
निराला सभागार, प्रयागराज
दिनांक- 13.08.2019
दिनांक 13.8.2019 को रसराज सावन मे कजरी एवं विशिष्ट धुनों पर लोकविद् पं हरिराम द्विवेदी जी का सारगर्भित व्याख्यान मन को भिगो गया सच है कि आज हम अपनी जड़ो से अलग होते जा रहे जिससे उपेक्षित होकर हमारी धरोहरें विलुप्त होती जा रहीं हैं ये केवल बची हैं तो उँगली पर गिने चुने चन्द लोगों के मध्य … उनकी बातें सुनो तो स्थिति मंत्र मुग्ध सी …. वो बोलते बोलते जब मुदित हो जातें तो उनकी भाव भंगिमा अद्भुद् ….. सहजता सरलता मात्र उनकी वेश भूषा में ही नहीं सम्पूर्ण आचार विचार में दिखाई देती है कितना ज्ञान कितना चिन्तन कितना शोध ….. क्या क्या कहूँ बस ईश्वर से यही प्रार्थना कर सकते हैं कि उनका आशिर्वाद सदैव बना रहे … धनन्जय जी ने जिस मनोयोग से विषय से विषय का प्रवर्तन किया उसने निश्चित रूप से श्रोताओं के मन में एक भावभूमि तैय्यार कर दी थी …साबनी दास गुप्ता ने कजरी गायन से मोहा तो प्रभाकर दयाल व अनुराग मिश्र की सधी संगत ने कार्यक्रम को सफल बनानेमे पूर्ण योगदान दिया विवेक रजंन का सधा हुआ संचालन सुनने योग्य रहा …. स्वागत व्यंजना के उपाध्यक्ष डॉ राजेश मिश्र ने किया कार्यक्रम की मुख्य अतिथि संत करूणामयी माँ साध्वी हैं साथ ही सुमधुर गायिका भी कजरी के लौकिक आध्यात्मिक रूप के साथ ही वर्तमान परिप्रेक्ष्य मे प्रकृति से जोड़ना अद्भुद् रहा
फिल्म संगीत का बदलता स्वरूप
वर्धा, प्रयागराज
31.03. 2019
व्यजंना आर्ट एण्ड कल्चर सोसायटी द्वारा आयोजित परिसंवाद फ़िल्म संगीत का बदलता स्वरूप के कुछ यादगार पल धन्यवाद डॉ धनंजय चोपड़ा , प्रो मुकेश गर्ग जी , प्रो महेश चट्टोपाध्याय जी सारगर्भित वक्तव्य के लिए सुन्दर संचालन हेतु शुभम को आशीष
परिसंवाद एवं विमोचन
'भारतीय सिनेमा एवं साहित्य'
हिंदुस्तानी एकेडमी, प्रयागराज
दिनांक- 12.11.2018
हिन्दुस्तानी एकेडमी के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 12.11.2018 को भारतीय सिनेमा और साहित्य विषय पर डॉ ललित जोशी का व्याख्यान हुआ । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जस्टिस गिरिधर मालवीय जी तथा विशिष्ट अतिथि डॉ रवि नंदन सिंह रहे । संचालन डॉ धनन्जय चोपड़ा जी ने किया अतिथियों का स्वागत, डॉ आशा अस्थाना ने व धन्यवाद ज्ञापन डॉ मधु रानी शुक्ला ने किया
परिसंवाद
‘भारतीय सिनेमा में बिम्ब एवं रूपक‘
इलाहाबाद संग्रहालय, इलाहाबाद
30-11-2016
दिनांक 30-11-2016 को ‘भारतीय सिनेमा में बिम्ब एवं रूपक‘ पर परिसंवाद कार्यक्रम के अन्तर्गत इलाहाबाद संग्रहालय में डाॅ. गौतम चटर्जी का व्याख्यान कराया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री अजामिल व्यास ने किया। सुश्री विधु खरे ने विषय प्रवर्तन किया। संचालन डाॅ. धनंजय चोपड़ा ने किया।
थाती
‘बिरहा‘
निराला सभागार, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद
03.09.2016
दिनांक 03-09-2016 को ‘बिरहा‘ कार्यक्रम का आयोजन निराला सभागार, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद में किया यह व्याख्यान एवं प्रदर्शन का कार्यक्रम था, जिसमें डाॅ. ब्रदी नारायण, निदेशक, बल्लभ पंत संस्थान एवं डाॅ. धनन्जय चोपड़ा का व्याख्यान हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री गौरव कृष्ण बंसल, निदेशक, उत्तर मध्य क्षे. सां. केन्द्र, इलाहाबाद रहें। श्री मंजुल किशोर वर्मा, निदेशक, आकाशवाणी, इलाहाबाद विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में रहे। डाॅ. मन्नू यादव का व्याख्यान एवं प्रदर्शन का कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में दर्शकों के अलावा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के छात्रों की बड़ी उपस्थिति रही।
'होली' के विविध रंग
थियोसोफिकल सोसायटी, इलाहाबाद
दिनांक- 31 मार्च 2015
31 मार्च 2015 को थियोसोफिकल सोसायटी इलाहाबाद में पं हरि राम द्विवेदी जी का होली के गीत प्रकारों पर व्याख्यान हुआ जिसमें अत्यन्त सुंदर प्रस्तावना डॉ राजेश मिश्र जी ने रखी तत्पश्चात पं हरि राम द्विवेदी जी ने होली , फाग, चौताल , बेलवरिया आदि की विधिवत विवेचना की । विद्यार्थियों के लिए ये कार्यक्रम अत्यन्त उपयोगी रहा ।
Workshop / कार्यशाला
राग भैरवी कार्यशाला
स्थान: हिन्दुस्तानी अकादमी, प्रयागराज
दिनांक:-17 /09 /2024
व्यंजना आर्ट एंड कल्चर सोसायटी द्वारा “राग भैरवी राग एक, रूप अनेक” पर आधारित 15 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का प्रशिक्षण व्यंजना आर्ट एण्ड कल्चर सोसाइटी की गुरु डॉ. मधु रानी शुक्ला ने किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो. रेनू जौहरी एवं विशिष्ट अतिथि सुश्री उर्मिला शर्मा व डॉ. ज्योति मिश्रा रहीं। कार्यक्रम में राग भैरवी पर आधारित गानों की प्रस्तुति हुई। गायन प्रस्तुत करने वाले कलाकारों में शांभवी, अभिलाषा, विशाखा, कीर्ति, ज्योति, सोनाली, रंजना, प्रिया, रुचि, आरती, वेदान्त, सात्विक, अथर्व आदि शामिल रहे। हारमोनियम पर अनुराग मिश्रा, ढोलक पर अजीत कुमार, तबले पर शुभम पटवा और सितार पर सामर्थ राज रहे, कार्यक्रम का संचालन सृष्टि गुप्ता ने किया, स्वागत तथा आभार ज्ञापन संस्था के सचिव डॉ मधु रानी शुक्ला ने किया
तुलसीदास कृत राम लला नहछू की कार्यशाला
दिनांक :-23/03/2024
स्थान: आनंद योगालय, प्रयागराज
व्यंजना आर्ट एंड कल्चर सोसायटी द्वारा आनन्द योगालय सभागार में तुलसीदास कृत ‘रामलला नहछू’ की संगीतमय प्रस्तुति हुई। नहछू नहावन जो विवाह में नाऊन द्वारा वर के पाँवों के नाखून काटने की रस्म है इसी को भक्त कवि तुलसीदास ने बड़े विस्तार से पदों में सृजित किया है भारतीय परंपरा में इन रस्मों का बहु त महत्व है और लोकगीतों की ख़ूबसूरती है कि उसमे प्रभु श्री राम के लिये भी गारी गायी गई है। इन पदों को सोहर के विभिन्न छन्दों में संगीतबद्ध प्रस्तुति व्यंजना रिपेट्री के विद्यार्थी शांभवी शुक्ला, अभिलाषा भारद्वाज, कीर्ति चौधरी, विशाखा कौशिक, अपर्णा गुप्ता, शिल्पा यादव ने की, हारमोनियम पर आलोक रंजन, तबले पर शुभम् पटवा एवं ढोलक पर आशुतोष गुप्ता ने संगत किया। मुख्य अतिथि के रूप बायोवेद इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ ब्रजेश कांत द्विवेदी ने दीप प्रज्वल्लित कर के कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
राम गीतों की कार्यशाला
स्थान: इलाहाबाद डिग्री कॉलेज , प्रयागराज
दिनांक:-16/01/2024
दिनाँक 16 जनवरी 2024 को विषय विशेषज्ञ डॉ0 मधु शुक्ला, प्रसिद्ध संगीतज्ञ एवं समन्वयक, व्यंजना आर्ट एंड कल्चर सोसायटी, प्रयागराज द्वारा प्रभु श्री राम के जन्म के गीत, चैती व निर्गुण भजन का प्रशिक्षण दिया गया कार्यशाला का शुभारंभ 1 बजे से छात्रा शाखा , इलाहाबाद डिग्री कॉलेज में होगा , कार्यशाला में सभी विषयों के विद्यार्थियों ने भाग लिया सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट व पुरस्कार प्रदान किया गया
लोक संगीत में सौन्दर्य की कार्यशाला
दिनांक :-28/09/2022
स्थान: सी. एम. पी. डिग्री कॉलेज, प्रयागराज
सी. एम. पी. डिग्री कॉलेज, प्रयागराज के संगीत विभाग में दिनांक 28/09/2023 को लोक गीतों में सौन्दर्य विषयक जानकारी दी तथा विवाह गीत तथा विदाई गीत सिखा भी। इस कार्यशाला में लगभग 30 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
गंगा गीतों की कार्यशाला
स्थान: इलाहाबाद डिग्री कॉलेज , प्रयागराज
दिनांक:-24/02/23-02/03/2023
एवं मंच प्रस्तुति
इलाहाबाद डिग्री कॉलेज, प्रयागराज के संगीत विभाग में दिनांक 24/02/2023 से 02/03/2023 तक गंगा गीतों की कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें डॉ मधु रानी शुक्ला ने संस्कृत में रचे गंगा गीत तथा कवि पद्माकर द्वारा रचे गए गंगा गीतों को संगीतबद्ध करके सिखाया। इस कार्यशाला में लगभग 40 विद्यार्थियों ने भाग लिया। दिनांक 02/03/2023 को इसकी प्रस्तुति इलाहाबाद डिग्री कॉलेज के सभागार में हुई।
होली गीतों की कार्यशाला
दिनांक :- 23 /02 /2023 -01 /03 /2023
स्थान: उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज
व्यंजना आर्ट एण्ड कल्चर सोसाइटी, प्रयागराज के संगीत कक्ष में दिनांक 23/02/2023-01/03/2023 तक होली के विभिन्न प्रकार के गीतों को डॉ मधु रानी शुक्ला द्वारा सिखाया गया इस कार्यशाला में लगभग 10 विद्यार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसकी प्रस्तुति दिनांक 01/03/2023 को उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज के मुक्तांगन में हुई।
गीता श्लोक की कार्यशाला
स्थान: आनंद योगालय, प्रयागराज
दिनांक:-20/12/2022-24/12/2022
एवं मंच प्रस्तुति
आनंद योगालय में दिनांक 20/12/22 से 24/12/22 तक गीता श्लोकों की कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें डॉ मधु रानी शुक्ला ने गीता के कुछ श्लोक संगीतबद्ध करके सिखाए इस कार्यशाला में लगभग 50 विद्यार्थियों ने प्रशिक्षण लिया इसकी प्रस्तुति दिनांक 24/12/22 को नागवासुकी मंदिर, प्रयागराज में हुई।
कबीर गीतों की कार्यशाला
दिनांक :- 15/12/2022-30/12/2022
स्थान: आनन्द योगालय, प्रयागराज
आनंद योगालय, प्रयागराज में दिनांक 15/12/2022 से 30/12/2022 कबीर के गीतों की कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें डॉ मधु रानी शुक्ला ने कबीर के अनेक पदों को संगीतबद्ध कर सिखाया। इस कार्यशाला में लगभग 50 विद्यार्थियों ने भाग लिया इस कार्यक्रम की प्रस्तुति 30/12/2022 को हिन्दुस्तानी अकादेमी, प्रयागराज में हुई।
पञ्च दिवसीय प्रस्तुतिपरक चैती कार्यशाला
स्थान: आनंद योगालय, प्रयागराज
दिनांक 12-16 अप्रैल 2022
एवं मंच प्रस्तुति
व्यंजना आर्ट एण्ड कल्चर सोसाइटी प्रयागराज द्वारा चैत्र मास में गाये जाने वाले
लोकगीत प्रकार चैती की पञ्च दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई, कार्यशाला में डॉ. मधुरानी शुक्ला द्वारा चैती लोकगीत गायनशैली के गीतों को सिखाया गया। इस कार्यशाला में लगभग 30-40 विद्यार्थियों ने भाग लिया एवं कार्यशाला के अंतिम दिन मंच पर प्रस्तुति की। कार्यशाला का समापन समारोह एवं प्रस्तुति का आयोजन प्रयाग संगीत समिति के मेहता प्रेक्षागृह में हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि श्री अरुण कुमार, सचिव, प्रयाग संगीत समिति, कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि लोकविद् श्री उदय चंद्र परदेसी एवं श्री प्रदीप कुमार, रजिस्ट्रार, प्रयाग संगीत समिति ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन, प्रशस्तिपत्र एवं पाथेय प्रदान किया। श्रीमति उर्वशी जेटली के निर्देशन में भरतनाट्यम नृत्य विधा से श्रीराम स्तुति की गई।
राम पर आधारित सप्त दिवसीय भजन कार्यशाला
दिनांक:-सितंबर 2021
स्थान: इलाहाबाद संग्रहालय, प्रयागराज
व्यंजन आर्ट एण्ड कल्चर सोसाइटी प्रयागराज द्वारा राम पर आधारित सप्त दिवसीय
भजन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में १५-२० प्रतिभागियों ने भाग लिया
जिसमें संगीतार्थियों ने डॉ. मधुरानी शुक्ला ने प्रतिभागियों की गायन से जुड़ी दुविधाओं एवं
जिज्ञासा को शान्त किया तथा विभिन्न प्रकार के लोक भजन सिखाए गाये। प्रतिभागियों
द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत, भक्ति संगीत की प्रस्तुतियाँ माघमेला प्रयागराज,
रामायण कान्क्लेव के अंतर्गत, जन जन के राम कार्यक्रम, श्रृंगवेरपुर में किया गया।
पञ्च दिवसीय 'गीता श्लोक' कार्यशाला एवं प्रस्तुति
दिनांक: 15-20 मार्च, 2021
स्थान: इलाहाबाद संग्रहालय, प्रयागराज
व्यंजना आर्ट एवं कल्चर सोसाइटी, प्रयागराज द्वारा पञ्च दिवसीय गीता के श्लोकों पर व्याख्यान एवं भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं राग आधारित कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में डॉ। मधुरानी शुक्ला द्वारा विद्यार्थियों के युवा मस्तिष्क की संगीत, कला एवं संस्कृति से जुड़ी दुविधाओं एवं जिज्ञासा को शान्त किया गया। कार्यशाला में १०-१५ प्रतिभागियों ने भाग लिया एवं कार्यशाला के उद्देश्य जैसे शुद्ध उच्चारण, रगों का ज्ञान, अभ्यास के विभिन्न आयाम, आदि को प्राप्त किया एवं इलाहाबाद संग्रहालय, प्रयागराज में प्रस्तुति दी।
6 दिवसीय वॉयस कल्चर और डायलॉग डिलीवरी वर्कशॉप
दिनांक 25 – 30 अगस्त 2020
अभिनय का अभ्यास और सीखने वाले छात्रों के लिए वॉयस कल्चर और डायलॉग डिलीवरी पर 6 दिवसीय व्याख्यान और कार्यशाला का आयोजन किया, इससे अभिनय से संबंधित युवा मन की शंकाएँ भी दूर हुईं। इस कार्यशाला से छात्रों को कई प्रतिष्ठित गुरुओं से आवाज संस्कृति, सही उच्चारण का महत्व और वायस मॉड्यूलेशन के विभिन्न अभ्यास पैटर्न जानने में मदद मिली।
पहले दिन श्री सुनील देवधर (आकाशवाणी पुणे), दुसरे दिन श्री किशोर सिन्हा (आकाशवाणी पटना), तीसरे दिन डॉ. गौतम चटर्जी (निदेशक- अभिनवगुप्त अकादमी), चौथे दिन श्री दिनेश खन्ना (एन.एस.डी), पाँचवें श्री बलवंत ठाकुर (निदेशक- नटरंग) व अंतिम दिन श्री रामचंद्र सिंह (नया थियेटर) कार्यशाला में प्रशिक्षण दिया और कार्यशाला का मॉडरेशन डॉ मधु रानी शुक्ला, प्रतिमा सिन्हा एवं सौरभ चक्रवर्ती ने किया। लगभग 500-550 प्रतिभागियों को वॉयस कल्चर और डायलॉग डिलीवरी वर्कशॉप में प्रशिक्षित किया गया और यह कार्यशाला उनके अभिनय को परिपक्व बनाने में निश्चित रूप से सफल रही।
5 दिवसीय कण्ठ साधना ऑनलाइन कार्यशाला दिनांक 25 - 29 जुलाई 2020
विद्यार्थियों के सुविधा के लिए पाँच दिवसीय कार्यशाला भाग-2 में पहले दिन आगरा घराने की प्रतिष्ठित कलाकार पं० यशपाल जी के सुयोग्य शिष्य श्री कशिश मित्तल जी ने अपने घराने के अनुसार कण्ठ साधना, रियाज का सलीका, आवाज का लगाव व आपने बताया कि विद्यार्थियों का गुरू के प्रति समर्पण होना आवश्यक है साथ ही में एकाग्रता व धैर्यवान होना चाहिये, आपने गुरु जी का संसमरण करते हुए कहा ‘‘जैसे आप सांस लेना नहीं भूल सकते वैसे ही रियाज में निरंतरता बनीं रहनी चाहिए‘‘। दूसरे दिन ग्वालियर घराने की प्रतिष्ठित कलाकार पं० उल्हास कशालकर के सुयोग्य शिष्य पं० शशांक मक्तेदार ने कहा ‘‘गुरू से सीखने के पश्चात अपनी क्षमता के अनुकूल स्केल निर्धारित करें । कण्ठ साधना मे आकार , इकार, ओकार आदि का अभ्यास बन्दिशों के माध्यम से करें पलटों तथा तानों का अभ्यास गौढसारंग जैसे वक्र रागों के माध्यम से करे।‘‘ तीसरे दिन कर्नाटक संगीत की प्रतिष्ठित कलाकार विदुषी सुधा रघुरामन ने स्वर, गमक और साहित्य की बात करते हुए कहा कि ‘‘गुरु शिष्य परम्परा में सीखने से ना केवल आप गायिकी सीखते हैं बल्कि पूरी जीवन शैली सीखते हैं, आज का विद्यार्थी थोड़ा सा ही सीख के मंच प्रस्तुति देना चाहता है पर आप में धैर्य होना चाहिए, आपके गुरु आपको बेहतर जानते हैं और वही बताएंगे कि कब आप प्रस्तुति देने योग्य हो गए हैं।‘‘ चौथे दिन जयपुर अतरौली घराने की प्रतिष्ठित कलाकार विदुषी किशोरी अमोंकर जी के सुयोग्य शिष्य पं० रघुनन्दन पणशीकर ने कहा ‘‘गुरू की नकल करना मात्र संगीत नहीं है बल्कि गुरू जी से सीखने के पश्चात अपनी प्रतिभा के अनुकूल गायन करना चाहिए तथा जितनी देर भी अभ्यास करें पूरे मन से करें तभी कारगर होगा। गुरू के बिना बोले भी उनकी भावनाओं को समझना चाहिए तब उन्हें ये शिक्षा पूर्णरूपेण प्राप्त होगी।‘‘ कार्यशाला का समापन किराना घराने के प्रतिष्ठित गायक पं० जयतीर्थ मेवुन्डी के प्रशिक्षण से हुआ। सत्रों का मॉडरेशन प्रतिष्ठित कलाकार डॉ० रामशंकर, स्वागत तथा धन्यवाद ज्ञापन संस्था की सचिव डॉ० मधु रानी शुक्ला ने एवं परिचय शाम्भवी शुक्ला ने दिया।
5 दिवसीय कण्ठ साधना ऑनलाइन कार्यशाला
दिनांक 24 – 28 जून 2020
व्यञ्जना आर्ट एण्ड कल्चर सोसायटी, प्रयागराज की ओर से आयोजित विद्यार्थियों के सुविधा के लिए पाँच दिवसीय कार्यशाला में प्रथम दिन बनारस घराने की प्रतिष्ठित गायिका विदुषी सुनन्दा शर्मा ने पद्म विभूषण विदुषी गिरिजा देवी से प्राप्त शिक्षा एवं उनके द्वारा बतायी हुई कण्ठ साधना से सभी को अवगत कराया, आपने कहा “जो गाता है, जो गवाता है, जो सीखाता है, जो सुनता है, वो सब ईश्वर की प्रेरणा है”। दुसरे दिन पं० भुवनेश कोमकली पौत्र पं० कुमार गंधर्व ने ग्वालियर परंपरा के अनुसार स्वर साधना, शब्द प्रयोग, तानों की तैयारी, आदि बताया, आपने कहा “आलाप एक समुद्र की भाँति है जब राग में व्यक्ति आलाप करता है तो वह गहराई में डूबता जाता है”। तीसरे दिन किराना घराने के प्रतिष्ठित कलाकार भारतरत्न पं० भीमसेन जोशी के सुयोग्य शिष्य पं० हरीश तिवारी जी ने अपने घराने के अनुसार कण्ठ साधना रियाज का सलीका, आवाज का लगाव, आदि बताया आपने कहा “विद्यार्थि गुरू के प्रति पूर्ण समर्पण से शिक्षा प्राप्त हो सकता है“। चौथे दिन जयपुर अतरौली घराने की प्रतिष्ठित कलाकार पद्मविभूषण विदुषी किशोरी अमोंकर जी की सुयोग्य शिष्या विदुषी मंजिरी असनारे-केलकर जी ने अपने घराने के अनुसार कण्ठ साधना रियाज का सलीका, आवाज का लगाव व आपने बताया कि विद्यार्थियों का गुरू के प्रति समर्पण होना आवश्यक है, गुरू का संस्मरण करते हुए कहा “ विद्यार्थियों को एकाग्र होना चाहिए, जैसे किशोरी ताई जब गाती थीं तब उनका तानपूरा एवं वह स्वयं वही राग हो जाती थीं”। समापन ग्वालियर घराने की विदुषी मीता पण्डित से हुआ । सत्रों का मॉडरेशन प्रतिष्ठित कलाकार डॉ रामशंकर एवं स्वागत तथा धन्यवाद ज्ञापन संस्था की सचिव डॉ मधु रानी शुक्ला ने किया।
चैती कार्यशाला व प्रदर्शन
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज
19-21 अप्रैल 2019
चैत्र मास में गाये जाने वाले गीत प्रकार चैती की तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें लोक गायक डॉ मन्नू यादव ने चैता, चैती तथा घाटो गायन शैली के नौ गीतों को सिखाया ।
कार्यशाला व प्रदर्शन
थियोसोफिकल सोसायटी, इलाहाबाद
24-27 मार्च 2015
भारतवर्ष की अनमोल थाती हमारे ऋतु गीत है फागुन उत्साह और उमंग का समय है और लोक ने इस उल्लास पूर्ण वातावरण को विभिन्न गीत प्रकारों में अभिव्यक्त किया है। इसी उद्देश्य से संस्था ने तीन दिवसीय लोकगीत कार्यशाला का संयोजन किया। जिसमें प्रख्यात कलाकार गुरू श्री उदयचंद परदेसी जी ने होली के विविद् प्रकारों होली गीत, बेलवरिया, चैताल को विद्यार्थियों को सिखाया। 27 मार्च 2015 को कार्यशाला में सीखें हुए गीतों का प्रदर्शन रखा गया। जिसमें डाॅ. राजेश मिश्र का फागुन मास के शास्त्रीय पक्ष पर व्याख्यान तथा काशी से पधारे पंडित हरीराम द्विवेदी का व्याख्यान हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रयाग संगीत समिति के सचिव श्री अरुण कुमार जी थे तथा कार्यक्रम का संचालन प्रख्यात लोकविद् श्री नंदल हितैषी ने किया।
Exhibition
पोस्टर प्रदर्शनी
भारतीय सिनेमा के एक सौ पांच वर्ष पूर्ण होने पर डा राधेश्याम अग्रवाल, अमित श्रीवास्तव, तथा शाम्भवी शुक्ला ने पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन प्रयाग संगीत समिति लोअर लाबी में किया